कलायात्रा पत्रिका : एक कवि, एक हृदय, एक संवेदना, धरती का पुत्र “हलधर नाग”। यह नाम सुनते ही मन में एक सरल, सादगी भरा और अद्वितीय व्यक्तित्व उभरता है। ओडिशा के रहने वाले हलधर नाग ने अपनी सादगी, ईमानदारी और कलात्मकता से न के वल ओडिशा बल्कि पूरे भारत में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उनकी कविताओं में धरती की सोंधी खुशबू और आम जन-जीवन की कठिनाइयों का सजीव चित्रण मिलता है। अनुराग्यम् की कलायात्रा में हम हलधर नाग जैसे कवियों की जीवन यात्रा और उनकी रचनात्मकता को आपके सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। एक संपादक के नाते मेरी भूमिका है कि मैं इन कवियों की व्यक्तिगत शैली और उनकी संवेदनात्मकता का समुचित संरक्षण कर सकूं , ताकि उनकी रचनाएँ अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँच सकें और उन्हेंप्रेरित कर सकें । हम हर कविता में भारतीय असीम रंग और रोमांच को महसूस कराते हुए आपकी संवेदनाओं को जागत करना चाहते हैं।
कवियों की यात्रा विशेषांक (कलायात्रा)
वर्ष : 4 अंक : 1 (संस्करण : मई जून 2024)
अनुराग्यम् की वेबसाइट पर जा कर pdf डाऊनलोड कर के आप पढ़ सकते है।
डॉ तरुणा माथुर
मुख्य संपादिका, कलायात्रा पत्रिका, अनुराग्यम्
प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, अनुराग्यम्
टीम कलायात्रा पत्रिका : सचिन चतुर्वेदी (संस्थापक), मीनू बाला (संपादिका), सुशी सक्सेना (संपादिका), अंकिता बाहेती (संपादिका), ममता रजक (संपादिका)