वैश्विक मानवतावादी तकनीकी कला और प्रदर्शनी (जी.एच.टी.ए.ई), अनुरागयम, नई दिल्ली, भारत की एक पहल है, जो हर साल पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण और विज्ञान से संबंधित कई जागरूकता गतिविधियों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। जागरूकता गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में ड्राइंग और पेंटिंग, एलोक्यूशन कम एक्सटेम्पोर, डिबेट, स्लोगन राइटिंग, ट्री प्लांटिंग, पिक अप लिटर, साइकिल रैली, मैराथन और विशेषज्ञ व्याख्यान (यूट्यूब के माध्यम से – ऑनलाइन इवेंट) कराता हैं। हम बच्चों और युवाओं को उनके कौशल, ज्ञान और अनुभव को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तो, हम एक बार फिर पृथ्वी दिवस कार्यक्रम लेकर आए हैं, जिसमें विज्ञान, ज्ञान, कला, कौशल, पर्यावरण और संस्कृति शामिल हैं।
साइंटिस्टों द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान 20 अप्रैल 2024 से 22 अप्रैल 2024 तक यूट्यूब के माध्यम से भारत के अलग अलग राज्यों से 65+ स्कूलों में ब्रॉडकास्ट किया गया जहाँ 20 हज़ार से ज्यादा की मात्रा में छात्रों ने भाग लिया।
साइंटिस्टों और पर्यावरण विशेषज्ञों के नाम इस प्रकार है श्री सुभाष चंद्रा लखेरा (न्यू जर्सी), श्री हरीश यादव (जयपुर), श्री सचिन सी नारवाडिया (नोएडा), श्री अभिषेक तिवारी (शिमला), श्री आदराम नायक (राजस्थान), श्रीमती मेलिना चौहान (एटा), डॉ. इंद्रा सुलानिया (नई दिल्ली), श्री अजय शर्मा (नई दिल्ली) ओर डॉ. ज्योत्सना सिंह (जयपुर)जिन्होंने अपने अनुभवों को छोटे बच्चों को यूट्यूब ब्रॉडकास्ट के ज़रिये बताएं।
अनुराग्यम द्वारा “ग्रह या प्लास्टिक” विषय पर पृथ्वी दिवस 2024 पर राष्ट्रीय चित्रकला ऑनलाइन प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया, जिसमे 40 विजेताओं को अवार्ड ओर सांत्वना पुरस्कार धारक को गोल्ड मेडल्स एवं सर्टिफिकेट ऑफ़ मेरिट दिए गए। साथ में उच्च प्राथमिक विद्यालय, एटा, उत्तर प्रदेश के 11 विद्यार्थियों ने पृथ्वी स्वस्थ पर भव्य नाटिका की। जम्मू कश्मीर सहित भारत के कई राज्यों से 500 से अधिक बच्चों ओर जन मनस ने अनेक पौधे लगे।
प्रत्येक वर्ष, 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है और पर्यावरण आंदोलनों की जीत की याद दिलाता है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए ग्रह के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देता है। पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जो पर्यावरण आंदोलन की उपलब्धियों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाता है। 22 अप्रैल, 1970 को, पहला पृथ्वी दिवस का आयोजन हुआ। हमारा ग्रह एक अद्भुत स्थान है, इसे जीवित रहने के लिए हमारे समर्थन की आवश्यकता है। प्रदूषण और वनों की कटाई को रोकने के लिए, प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस समारोह के रूप में एक अरब से अधिक लोग कूड़ा बीनने और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं।
अनुराग्यम एक ऐसा संगठन है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ भारत की दिव्य कला, साहित्य, संस्कृति को बढ़ावा देता है। इसकी स्थापना श्री सचिन चतुर्वेदी द्वारा की गई। अनुरागम संगठन, भारत की कला और संस्कृति के माध्यम से बच्चों और युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाल कला प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों का आयोजन करता है। यह पृथ्वी पर मानव गतिविधि के कारण होने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। साथ ही अंग्रेजी में लिट्रो फैशनेट पत्रिका और हिंदी में कलायात्रा पत्रिका का प्रकाशन करता हैं। अनुराग्यम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और अभियंता दिवस पर प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनियों, पुरस्कारों और विशेषज्ञ व्याख्यानों के माध्यम से बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों को आयोजित करता हैं।
वैश्विक मानवतावादी तकनीकी कला और प्रदर्शनी (जी.एच.टी.ए.ई 2023) का श्री सचिन चतुर्वेदी (संस्थापक), डॉ तरुणा माथुर (प्रमुख अन्वेषक), श्रीमती अंकिता बाहेती (प्रमुख विज्ञान विभाग), श्रीमती ममता रजक (आयोजन सचिव) और सुश्री सीमा वालिया (संचालक) के द्वारा आयोजित किया गया।